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Tuesday, July 20, 2010

अभी उम्म्मीदों की उड़ान बाकी है..!!
मेरी ख्वाहिशों में थोड़ी सी जान बाकी है,
डूबी तो कई बस्तियां इस बार बारिश में,
मगर सड़क पार एक पुराना मकान बाकी है!!!!!!

1 comment:

  1. आज की परिस्थितियों में बिलकुल सही जाती हैं ये पंक्तियाँ... लगता है मेरे मनोभावों को आपने शब्द दे दिए हैं...

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